IoE: इंटरनेट ऑफ एवरीथिंग तकनीक की एक नई क्रांति

इंटरनेट ने अपनी समय की यात्रा अब मीलों तय कर ली है, अब इंटरनेट सिर्फ मोबाइल का नहीं रहा अब यह आईओटी के नाम से चीजों का भी नहीं रहा इससे भी आगे निकल अब यह इंटरनेट ऑफ़ एवरीथिंग (IoE) के  नाम से यत्र तत्र सर्वत्र पैर पसारने की तैयारी कर चुका है,और इसे सहयोग कर रहा है आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस.  तकनीक के दुनिया में इसे (IoE) के नाम से जानते हैं. इसे ऐसे समझ सकते हैं की इंटरनेट ऑफ एवरीथिंग “नेटवर्क कनेक्शन को और अधिक प्रासंगिक एवं मूल्यवान बनाने के लिए चार कारक  "लोग, प्रक्रिया, डेटा और चीजों" को एक साथ जोड़ रहा है, अब यह सिर्फ सूचना नहीं दे रहा है इन सूचनाओं को स्वतः एक्शन में बदल रहा है. यह अब व्यवसाय, व्यक्ति और राज्यों  के लिए एक नई क्षमता, समृद्ध अनुभव और अभूतपूर्व आर्थिक अवसर की सम्भावना पैदा कर रहा है. सरल शब्दों में कहें तो IoE "लोग, प्रक्रिया, डेटा और चीजों" का का एक इंटेलीजेंट कनेक्शन बनाता है जहां इन चारों प्रकार के अरबों ऑब्जेक्ट एक साथ सेंसर, इंटरनेट कनेक्शन एवं  रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से एक दूसरे से संवाद एवं संयोजन कर एक्शन पैदा करते हैं. ये या तो इंटरनेट या रेडियो फ्रीक्वेंसी या ब्लूटूथ तकनीक वाले  सार्वजनिक या निजी नेटवर्क से  जुड़े हुए होते  हैं.

 

जैसा की हमें मालूम है आधुनिक युग का सूत्र वाक्य है डेटा , "डेटा ही धन है आजकल" और (IOE) इकोसिस्टम दरअसल वास्तविक समय में डेटा पैदा करने वाले लाखों नए ऑब्जेक्ट और सेंसर बनाता है और अरबों डेटा पैदा करता है. आप अब डेटा बाजार की कल्पना कर लीजिये , बाजार को जानकारी के विशाल मात्रा को इकट्ठा करने, विश्लेषण करने और संग्रहीत करने के लिए बड़े डेटा और भंडारण प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता होगी. इसके अलावा, डेटा को पैसे के कारोबार में बदलने के लिए और आईटी नेतृत्वकर्ता  को स्पष्ट और तीव्र निर्णय लेने की आवश्यकता होगी, चूंकि उनके पास सभी निर्णय लेने के लिए समय एवं क्षमता की दरकार होगी , इस गैप को भरने के लिए प्रसंस्करण शक्ति की आवश्यकता होगी जिसे यह तकनीक भरेगा और बड़ी मात्रा में नया आर्थिक और जीवन का इकोसिस्टम तैयार होगा .

 

आज  हम जो कुछ भी करते हैं उसमें डिजिटल अंतर्निहित होता है, हर व्यवसाय को डिजिटल रणनीति की आवश्यकता होती है. “डिजिटल एक विकल्प भर  नहीं है, ऐड-ऑन नहीं है, और न ही बाद का विचार  यह एक  नई वास्तविकता है जिसके लिए अब एक व्यापक डिजिटल नेतृत्व की आवश्यकता है. ”

इस तकनीक का व्यापक उपयोग होने वाला है , इसके एक नए बाजार का निर्माण होने वाला है और इसका पूरा इकोसिस्टम विकसित हो रहा है , विभिन्न बाजारों में बेचे जाने वाले अब इस प्रौद्योगिकी के उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला होगी. इनमें उन्नत चिकित्सा उपकरण, ऑटोमेटिक औद्योगिक रोबोटिक्स, सेंसर और एप्लिकेशन, कृषि उपज में वृद्धि के लिए सेंसर से लेकर सड़क और रेलवे परिवहन, जल वितरण और विद्युत संचरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए ऑटोमोटिव सेंसर और बुनियादी ढांचा एकीकृत निगरानी प्रणाली जैसे उत्पादों और सेवाओं की एक अंतहीन सूची का बाजार बनेगा .

दरअसल IoE तकनीक  IoT तकनीक का अगला विस्तार है यह एक संपूर्ण डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र है जहां सब कुछ आपस में जुड़ा हुआ है.  इस प्रकार, IoE एक व्यापक अवधारणा है जिसमें न केवल मशीन-टू-मशीन संचार (M2M) बल्कि लोगों का मशीन से (P2M) और लोगों का प्रौद्योगिकी के माध्यम से (P2P) संचार भी शामिल है. बिजली का स्विच ऑन करते हैं या कीबोर्ड पर टाइप करना (P2M) के कुछ सामान्य उदाहरण हैं. तकनीक के माध्यम से लोगों से लोगों के बीच संपर्क एक प्रकार का कनेक्शन है, जब एक मानव दूसरे से बातचीत करने के लिए जुड़े उपकरणों का उपयोग करता है जैसे  वीडियो कांफ्रेंस पीपल टू पीपल(P2P) प्रौद्योगिकी के माध्यम का उदाहरण है.

आइओई को सम्पूर्णता में समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं . कल्पना करें कि "इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स " कारों, बसों और उस पर चलने वाले अन्य वाहनों के साथ एक पूरी सड़क है ये सब ऑब्जेक्ट हैं . जब हम  "इंटरनेट ऑफ एवरीथिंग"  अवधारणा के तहत इसमें वाहनों, ड्राइवरों, पैदल यात्रियों, ट्रैफिक सिग्नल, चौराहे, मौसम की स्थिति, एम्बुलेंस, नजदीकी मरम्मत केंद्र, मैकेनिक, हॉस्पिटल, हेलमेट आदि से युक्त पूरी सड़क को एक स्वचालित पारिस्थितिकीय तंत्र में परिवर्तित कर देते हैं तो यह आइओई में बदल जाता है. जब पूरा पूरा का हाईवे ही आइओई इनेबल हो जायेगा तब उस पूरी सड़क, उसकी लाइट, उसके ट्रैफिक, ट्रैफिक का मूवमेंट, उस पर चल रही गाड़ियों और लोगों, दुर्घटना या उसके बाद की तैयारी सब कुछ स्वतः चालित डैशबोर्ड पर होगी या कहें तो पूरी सड़क एक तीसरी आँख की निगरानी में होगा जो सिर्फ देख नहीं रहा होगा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर स्वतः निर्णय लेगा. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं आइओई  के तकनीक से कई मोटर साइकिल चालकों के जीवन को बचाया जा सकता है. एक मोटर साइकिल चालक का हेलमेट सेंसर के माध्यम से एंबुलेंस, ट्रैफिक लाइट सिग्नल और एक अस्पताल से जोड़ा जा सकता है. इस तरह, बाइक दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के पास तुरंत जाना और जीवनरक्षक चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराना संभव हो जाता है. यदि बाइक दुर्घटनाग्रस्त होती है, तो एम्बुलेंस द्वारा उसे लेने से पहले ही  हेलमेट स्वतः ही रोगी के रिकॉर्ड को जेनेरेट करेगा. यह रोगी के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में निकटतम अस्पताल  एवं डॉक्टर को रिपोर्ट दे देगा . इससे डॉक्टरों को इलाज के लिए आवश्यक हर चीज तैयार करने का समय मिल जायेगा । इसके अलावा, एम्बुलेंस सड़क पर स्टॉपलाइट्स के साथ सभी हरी बत्तियों को ग्रीन करने और पीड़ित को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने के लिए उन्हें तकनीक संचार के माध्यम से सूचित और एक्टिवेट करेगी. सब कुछ को आपस में जोड़कर, IoE तकनीक कीमती समय और यहां तक कि लोगों के कीमती जीवन को बचाने का माध्यम बनेगी.

 

किसानी क्षेत्र में यह फसल पैदावार स्थिति समय पूर्व या मात्रा का अलर्ट पहले से ही सप्लाई चेन को दे देगा जो सुपरमार्केट, मंडी या खरीददारों के साथ एक नया वितरण समय व्यवस्थित कर सकते हैं. शुरुआती शिपमेंट से अवगत होने के कारण, सुपरमार्केट , मंडी या खरीददारओवरस्टॉक से बचने के लिए वर्तमान में उपलब्ध फलों के स्टॉक को बिक्री पर रख देंगे जिससे यह समय से बिक जाएं और दुकानदारों के पास सही समय पर नए बाजार के उत्पाद होंगे. आगे जाकर, एक कनेक्टेड शॉपिंग कार्ट या स्मार्टफोन ऐप वाले ग्राहकों को  एक डिस्काउंट नोटिफिकेशन भी मिल जाए इससे ग्राहकों की संतुष्टि और निष्ठा के साथ साथ किसान सप्लाई चेन और मार्किट सबको अपने वित्तीय नियोजन का अवसर मिलेगा.

 

कुल मिला के यह दुनिया एक नए इकोसिस्टम की ओर बढ़ रही है सब कुछ एक दूसरे से जुड़ा हुआ स्वतः चालित स्वतः नियंत्रित, और इसे मानवों  द्वारा डैशबोर्ड पर भी देखा जा सकता है ठीक वैसे ही जैसे हम परिकल्पना करते हैं की परग्रही (ईश्वर) इस पृथ्वी और यहां के जीवन को स्वतः चालित स्वतः नियंत्रित होने भी दे रहा और देख भी रहा है जरुरत पड़ती है तो सीमित हस्तक्षेप भी करता है , यहां हम ने एक हाईवे ऑटोमेशन की बात की जबकि हमारा जीव जगत और प्रकृति पहले से ही ऑटोमेटेड है. 

 

 


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