CAA-NRC विवाद मीमांसा

CAA-NRC मीमांसा आन्दोलन हिंसा और भ्रम के बीच

मसला बहुत संवेदनशील है और राजनीती इस अधिनियम को अपने फायदे के हिसाब से देश और विदेश में व्याख्यायित कर रही थी, मैंने भी कई बार खबरों के आधार पर इसपर चिंतन चालू किया लेकिन विस्तृत व्याख्या से बचा जब तक एक्ट की कॉपी मेरे हाथ में ना आ जाये, आज आ गई बहुत छोटा अमेंडमेंट एक्ट है बमुश्किल दो पन्ने का सबको पढ़ लेना चाहिए. यकीन मानिये पढ़ लेने के बाद राजनीती से विश्वास उठ जायेगा.

CAA_की_मीमांसा_निम्न_है.

"Provided that any person belonging to Hindu, Sikh, Buddhist, Jain, Parsi or Christian community from Afghanistan, Bangladesh or Pakistan, who entered into India on or before the 31st day of December, 2014 and who has been exempted by the Central Government by or under clause (c) of sub-section (2) of section 3 of the Passport (Entry into India) Act, 1920 or from the application of the provisions of the Foreigners Act, 1946 or any rule or order made thereunder, shall not be treated as illegal migrant for the purposes of this Act;". (हिंदी अनुवाद : बशर्ते कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय से संबंधित कोई भी व्यक्ति, जो दिसंबर, 2014 के 31 वें दिन या उससे पहले भारत में प्रवेश कर गया हो और जिसे केंद्र सरकार द्वारा छूट दी गई हो या पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 की धारा 3 की उपधारा (2) के खंड (सी) के तहत या विदेशियों अधिनियम, 1946 के प्रावधानों या उसके तहत बनाए गए किसी नियम या आदेश के प्रावधानों के आवेदन से नहीं होगा तो इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए अवैध प्रवासी के रूप में माना जाता है; ”।)

प्रथम_भाग : "Provided that any person belonging to Hindu, Sikh, Buddhist, Jain, Parsi or Christian community from Afghanistan, Bangladesh or Pakistan-  इसका आशय यह हुआ की-

१- इसमें सिर्फ सिर्फ और सिर्फ उन्ही हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय की बात की गई है, जो पाकिस्तान, बांग्ला देश या अफगानिस्तान से आये हैं.
२- यह एक्ट भारत के उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय को वैध प्रवासी मानने की बात नहीं करता जो किसी कारण वश भारत के होने के बाद भी NRC से छूट जाते हैं.
३- यह एक्ट साथ में उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय को भी वैध प्रवासी मानने की बात नहीं करता यदि यह इन तीन देशों के अलावा अन्य देशों से आये हैं या स्टेटलेस घोषित हो गए हैं.
४- अतः NRC में से कोई हिन्दू या मुसलमान या अन्य छूट जाता है तो इसमें ऐसा नहीं है की सिर्फ मुसलमानों को ही आटोमेटिक एडॉप्शन से बाहर रक्खा गया है और बाकी को मिलेगा, जैसा की विपक्ष के द्वारा बताया जा रहा है , यदि ऐसी दशा आती है तो हिन्दू मुसलमान आदि सब बराबर रहेंगे और किसी को भी आटोमेटिक एडॉप्शन नहीं मिलेगा यदि वह इन तीन देशों के अलावा परिस्थिति वाला है तो जैसे की भारत का हो, अन्य देश का हो या स्टेटलेस हो.

५- यह एक्ट केवल और केवल इन तीन देशों से आये हुए नागरिकों की ही बात करता है, यह अपने या अन्य देशों या स्टेटलेस नागरिकों की कोई बात नहीं करता और उन्हें कोई अधिकार नहीं देता है.   

द्वितीय_भाग : who entered into India on or before the 31st day of December, 2014 and who has been exempted by the Central Government by or under clause (c) of sub-section (2) of section 3 of the Passport (Entry into India) Act, 1920 or from the application of the provisions of the Foreigners Act, 1946 or any rule or order made thereunder, shall not be treated as illegal migrant for the purposes of this Act;".- इसका आशय यह हुआ की-

१- यह सिर्फ उन तीन देशों की नागरिकों को ही सुविधा देने वाला है जो ३१ दिसम्बर तक आये हों.
२- यदि कोई इस तारीख के बाद आया हो तो उसे इस एक्ट की सुविधा नहीं मिलेगी चाहे वह किसी धर्म का हो.
३- पहले यह ११ साल पहले की कंडीशन की बात करता था, अब यह सिर्फ ५ साल के कंडीशन की बात करता है, मतलब यह हाल ही में आये हुए सिर्फ इन तीन देशों के नागरिकों की बात करता है.
४- यह एक्ट NRC में छूटे हुए सभी नागरिकों की बात नहीं करता हँ, क्यों की NRC में कोई नागरिक छूट जाता है इसका मतलब यह नहीं की वह इन तीन देशों का हो जायेगा, वह नागरिक NRC के तहत ही समाधान पायेगा, ना की इस एक्ट से वह कनेक्ट हो पायेगा, इस एक्ट से कनेक्ट होने के लिए उसे इन तीन देशों का नागरिक होना जरुरी है.
५- सिर्फ उसे ३१ दिसम्बर २०१४ तक आया हो यही नहीं देखना है, उसे उसके साथ भारत सरकार द्वारा भारत में बिना पासपोर्ट प्रवेश की अनुमति मिली हो या उसे विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत छूट मिली हो, मतलब उसे शरणार्थी का दर्जा हासिल हो. इसका आशय यह है कि वह इन तीन देशों से आये हुए सभी तरह के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय को नागरिकता नहीं देता है यह सिर्फ उन्हें ही देता है जो ३१ दिसम्बर २०१४ तक आये हों और उन्हें पासपोर्ट अधिनियम या विदेशी नागरिक अधिनियम से छूट मिली हो.

६- यदि कोई हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय ३१ दिसम्बर २०१४ के बाद इन तीन देशों से आया हो तो उसे इस एक्ट की सुविधा नहीं मिलेगी और वह इस एक्ट का फायदा नहीं उठा पायेगा और उसका ऑटोमेटिक एडॉप्शन नहीं हो पायेगा. 

७- यदि कोई हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय ३१ दिसम्बर २०१४ के पहले इन तीन देशों से आया हो लेकिन उसे बिना पासपोर्ट प्रवेश की अनुमति नहीं  मिली हो या उसे विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत छूट नहीं मिली हो तो भी वह हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई इस एक्ट का फायदा नहीं उठा पायेगा और उसका ऑटोमेटिक एडॉप्शन नहीं हो पायेगा. 

क्या_NRC_से_जुड़ने_के_बाद_यह_केवल_भारतीय_मुसलमानों_के_लिए_घातक_हो_जाता_है?

एक्ट को पढने के बाद ऐसा नहीं लगता है, क्यों की आटोमेटिक एडॉप्शन समस्त हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई के लिए नहीं है यह सिर्फ उन्ही हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई के लिए है जो इन तीन देशों से आये हैं और ३१ दिसम्बर २०१४ तक आये हों साथ में शरणार्थी के रूप में ही आये हों केवल, यदि कोई हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई या मुसलमान NRC में छूट जाता है और और वह इन तीन देशों का नहीं है तो वह सब के सब मतलब हिन्दू मुसलमान सब एक ही कटघरे में खड़े हैं. ऐसा नहीं है की NRC में छूटे सभी हिन्दुवों का आटोमेटिक एडॉप्शन हो जायेगा, नहीं होगा, क्यूँ की यह एक्ट ऐसे हिन्दुवों या अन्य को आटोमेटिक एडॉप्शन का प्रावधान नहीं करता है.
अतः कोई कहता है की यदि NRC लागू होता है तो जो हिन्दू छूट जाते हैं उनका आटोमेटिक एडॉप्शन हो जायेगा और जो मुसलमान छूट जायेंगे उन्हें देश निकाला दे दिया जायेगा, तो गलत कहता है, क्यों की CAA से कनेक्ट होने के लिए इन तीन देशों का नागरिक होना बहुत जरुरी है,साथ में ३ शर्तें और हैं उसका भी होना जरुरी है जैसे ३१ दिसम्बर २०१४, पासपोर्ट अधिनियम की छूट, विदेशी नागरिक अधिनियम की छूट,  और यदि ऐसा नहीं है, आप किसी भी देश के हैं, चाहे भारत के ही हों या स्टेटलेस हैं और आप NRC से छूट गए हैं तो आप CAA के तहत नहीं आयेंगे इस सम्बन्ध में यह एक्ट बड़ा स्पष्ट है ऐसे लोगों के लिए CAA किसी काम का नहीं है, चाहे हो हिन्दू हो या मुसलमान हो या अन्य हो.

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