देश के अंदर देश नक्सल देश

देश का कोई भी अन्य अपराधी हो वह अपराध के बाद छुपता है कानून से डरता है, लेकिन इन नक्सलियों को इसका कोई भय नहीं क्यूँ की वह हमारे राष्ट्र राज्य के सिद्धान्त को नहीं मानते, वह हमारे राज्य को नहीं मानते, वह हमारे संविधान को नहीं मानते और वह हमारे कानून को नहीं मानते। उनका अपना एक अलग राष्ट्रवाद है उग्र और खूनी राष्ट्रवाद, उनकी अपनी एक चौहद्दी है, उनका अपना एक भूगोल है, उनकी अपनी एक पुलिस है और उनका अपना एक कानून है। बजट के लिए उन्हे अपने इस चौहद्दी के लोगों से वसूलना नहीं है उन्हे तो बस लूट लेना है उनके चौहद्दी के किनारे बसे राष्ट्र राज्य से। सड़कें पुल बनाना सब उनके किले को तोड़ने जैसा है। जैसे पाकिस्तान अपना सुरक्षा घेरा बना के रहता है न वैसे ये भी हैं, सीमा के अंदर सीमा के किनारे किसी भी तरह का निर्माण इसे ये अपने यहाँ तांक झांक मानते हैं। असल मे वह हमें एक अलग देश मानते हैं और हम उन्हे अपना ही नागरिक। यही बुनियादी वजह है जो हम इस समस्या को सुलझा नहीं पाये हैं। हमारे 25 जवान मरे, सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले थे, क्या उनकी संवेदना जरा सी जागी? क्यूँ नहीं जागी हमे समझना पड़ेगा। भारत पाकिस्तान के युद्ध में हमने 100 मारे उनके या उनने 100 मारे हमारे दोनों देश के लोगों के बीच सामने वाले के सैनिकों के मारे जाने को लेकर कोई अफसोस होता है क्या जश्न मनाते हैं सब के सब।नक्सली भी हमारे बारे में ऐसा ही सोचते हैं और हम उन्हे भटके हुए लोग। भटके लोग ऐसे गाजर मूली की तरह नरसंहार नहीं करते। उनके लोग आपको राष्ट्रवाद के नाम पर उलाहना देते रहेंगे और आपको ऐसे ही राष्ट्रवाद राष्ट्रवाद के बहस आलोचना में उलझाए रहेंगे और उधर सुकना मे घनघोर राष्ट्रवाद का उग्र खूनी नशा उन्हे पिलाते रहेंगे। राष्ट्रवाद की बहस में इनसे मत फँसो। ये ऐसे लोग के समर्थक हैं जो घनघोर उग्र राष्ट्रवाद के रास्ते पर हैं। अलग कश्मीर मांग के क्या कर रहे हो आप, राष्ट्र ही मांग रहे हो न आप। कश्मीरियत का यह विशेष आग्रह राष्ट्र के प्रति विशेष आग्रह नहीं तो क्या । तुम्हारा राष्ट्रवाद पवित्र और हमारा शोषक। नक्सली किस के लिए लड़ रहें हैं भाई एक भूगोल विशेष एक व्यवस्था विशेष का आग्रह उग्र राष्ट्रवाद नहीं तो और क्या। जरूरत हैं इन छद्म राष्ट्रवाद के जाल के बहस में फँसाने वालों की पहचान करने की , क्यूँ की यही लोग हैं जो बीच निर्जन जंगलों में विराजे इन नक्सलियों को खाद पानी हथियार पहुंचा रहे हैं।

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