बजट के बुनियादी सुझाव

बजट 2022 से लोगों खासकर आमजन और व्यापार वर्ग को आशायें हैं. मेरा मानना है की चूंकि इतनी बड़ी महामारी के बाद जीवन और इकॉनमी रिसेट मोड में है , यह समय बुनियादी बदलाव का है, ना की परंपरागत बदलाव का। कुछ ऐसे बुनियादी मुद्दे हैं जिससे इकॉनमी और टैक्स के ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव किये जा सकते हैं जिससे देश और जनता दोनों को फायदा होगा. प्रथम करतंत्र में लोकतंत्र की स्थापना । करदाता को अपनी पसंद की स्थानीय या राष्ट्रीय सरकारी योजना के अनुसार निधि देने का सीमित अधिकार हो । सरकार एक तंत्र विकसित कर सकती है ताकि बजट गणना के दौरान इस निधि दान को रेखांकित बजट प्राप्तियों की गणना में लिया जा सके। योजना स्तर पर यदि अतिरिक्त संग्रह हो तो सरकार उसे अपने विवेक के अनुसार खर्च करे। करदाता स्तर पर भी एक सीमा हो सकती है कि वे कितना भुगतान करें जिसे कर देयता माना जाय बाकी को स्वैच्छिक अंशदान। दूसरा सरकार व्यापारियों के हेतु आयकर की धारा 44AD और 44ADA की भावनाओं का विस्तार कर आयकर को व्यापार हेतु समाप्त कर जीएसटी के साथ जोड़ सकती है। सरकार आयकर व्यवस्था को व्यय करतंत्र व्यवस्था में स्थानांतरित कर सकती है। पूंजीगत लाभ, अन्य स्रोतों, गृह संपत्ति और विदेशी आय के लिए आयकर की व्यवस्था जारी रहे । उपरोक्त धाराओं की भावनाओं का विस्तार और प्रगतिशील HSN कोड मॉडल का उपयोग करके प्रभावी कर दर की स्थापना से एक प्रगतिशील टैक्स मॉडल लागू किया जा सकता है जो जीएसटी के साथ अतिरिक्त फीसदी के माध्यम से प्रभावी आयकर एकत्र करे । इस तरह सिंगल डेटा और सिंगल मशीनरी से सरकार दोनों टैक्स जमा कर सकती है। तीसरा नये डिजिटल दौर में सरकार को वर्चुअल एसेट एक्सचेंज मॉडल स्थापित करना चाहिए । सरकार द्वारा भौतिक संपत्ति को डी-मैट के इस्तेमाल से आभासी संपत्ति में परिवर्तित करने का तंत्र लाना चाहिये, और वर्चुअल एसेट का एक्सचेंज बनाना चाहिये ताकि इसमें कारोबार हो सके। रियल एस्टेट और रेंटल प्रॉपर्टी में इसका अच्छा प्रयोग हो सकता है। चौथा किसान बकायों के भुगतान हेतु किसान बकाया आयोग बने। निश्चित अवधि पश्चात भुगतान मिल मालिक द्वारा किसान खातों में जमा नहीं करने पर वह राशि स्वतः ही पूर्ण कानूनी इकाई किसान बकाया आयोग को हस्तांतरित हो जाये जो सभी कानूनी अधिकारों का प्रयोग करने, भुगतान एकत्र करने और किसानों के खाते में जमा करने में सक्षम होगी। पांचवा टैक्स भुगतान को आकर्षक बनाने हेतु नज सिद्धांत का प्रयोग कर टैक्स का नाम बदल राष्ट्र निर्माण अंशदान हो । "शब्द" में शक्ति होती है, यदि हम टैक्स शब्द को राष्ट्र निर्माण अंशदान में बदलते हैं तो लोग त्वरित और स्वैच्छिक रूप में करों का भुगतान करेंगे । यह करदाताओं के दृष्टिकोण और अवधारणाओं को बदल राष्ट्रवाद को मजबूत करेगा। छठा महंगाई को कम करने हेतु वस्तुओं पर एमआरपी के साथ एक्स-फ़ैक्टरी मूल्य का मुद्रण भी शुरू हो । नज सिद्धांत के अनुसार लागत और एमआरपी के बीच के अंतर का खुलासा करने से मुनाफाखोर कीमतें कम करने के लिए मजबूर होंगे क्यों की भेद खुला होगा । इससे उपभोक्ता को पता चलेगा कि फ़ैक्टरी मूल्य से उसके हाथ में क्या अंतर है। यह प्रथा मुद्रास्फीति को कम करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेगी। सातवां होम लोन की ईएमआई को किराये के करीब लाने से रियल एस्टेट कारोबार जो सबसे अधिक रोजगार और अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करता है को बल मिलेगा। आरबीआई बैलूनिंग योजना की अनुमति दे शुरू में किश्त कम और जब व्यक्तिगत आय और अर्थव्यवस्था बढ़ेगी तो किश्त बढ़ा सकती है। यह एकल कदम एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा जो अर्थव्यवस्था और बाजार को ट्रैक पर लाएगा। आठवां बीमा सेस के प्रयोग से कर के भुगतान से ही बीमा को जोड़ अनिवार्य बीमा कवर योजना ला सोशल सिक्योरिटी के साथ साथ सरकारी खजाने से आपदा राहत का फंड बचा सकती है। इससे कर भुगतान और लोक हित दोनों सधेगा, और आपदा में सरकारी खजाने पर कुछ हद तक बोझ कम होगा। नौंवा देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी एमएसएमई की समस्या पूंजी के हल के लिये एमएसएमई स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना। बीएसई और एनएसई में एसएमई विंडो है लेकिन मांग को देखते हुए उन्हें विकसित होने के लिए एक स्वतंत्र मंच की आवश्यकता है इससे उसके पूरे एमएसएमई पारिस्थितिकीका तंत्र का समाधान होगा। दसवां पेटेंट प्रोत्साहन। औद्योगिक प्रोत्साहन कार्यक्रम में लक्ष्य के साथ पेटेंट पंजीकरण हो ताकि भारतीय प्रतिभाओं को उनका वास्तविक मूल्य मिले और विदेशी संस्थाओं द्वारा टैलेंट का शोषण ना हो। प्रारंभ में, सरकार को सब्सिडी या किसी अन्य तरीके से पेटेंट पंजीकरण प्रक्रिया को मुक्त करना चाहिए। ग्यारहवां विशिष्ट बढ़ईगीरी संस्थान खुले। बढ़ईगीरी वह कुंजी है जो कई उद्योगों स्टील, लकड़ी, पेंट, निर्माण सामग्री उद्योगों को सक्रिय और प्रवाहित करती है। यह कौशल पाषाण युग से ही अस्तित्व में है लेकिन किसी भी IIT या विश्वविद्यालय में विशिष्ट इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम इस पर नहीं हैं। पहिया के रूप में पृथ्वी पर यह पहला इंजीनियरिंग कौशल है। एक समर्पित बढ़ईगीरी संस्थान की स्थापना और आईआईटी और विश्वविद्यालयों में एक पाठ्यक्रम के रूप में इसे शामिल करना चाहिए। इससे देश के औद्योगिक आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ निचले स्तर शहर, गांव स्तर पर लोगों को सशक्त बनाया जा सकेगा और अर्थव्यवस्था का रक्त प्रवाह नीचे से ऊपर की ओर बराबर बहेगा। बारहवां अनिवासी वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना। कई अनिवासी भारत में स्टार्ट-अप, एमएसएमई, आइडिया, स्थानीय या बुनियादी ढांचा परियोजनाओं मसलन स्कूल कॉलेज हस्पतालों में निवेश करना चाहते हैं। इन निधियों के पूलिंग हेतु एक तंत्र तैयार कर अनिवासी भारतीयों का एक वीसी फंड स्थापित करना चाहिए, जिससे अनिवासी निधि के निवेश को सुगम बनाया जा सके। तेरहवां भूटान की तर्ज पर राष्ट्रीय सकल खुशहाली सूचकांक को आर्थिक सूचकांक की श्रेणी में शामिल करना। जीडीपी एक गणितीय आंकड़ा है जबकि खुशहाली सूचकांक व्यापक चीजों को शामिल करेगा। चौदहवां सरकारी कर्मचारी और सरकारी स्थान की पूलिंग। सभी कर्मचारियों का एक कॉमन पूल देश के लिए एक मानवीय संपत्ति बैंक होगा तथा यह विवेकपूर्ण स्केलिंग और प्रतिभा कौशल संवर्धन में मदद करेगा। यह डेटाबेस प्रतिभा के साथ मेल रखने वाली और आवश्यकतानुसार पद देने में मदद करेगा। इस डाटाबेस से आपात स्थिति में हम यह जान पाएंगे कि किसे कहां भेजें । उसी तरह सरकारी कार्यालयों के जगहों के पूलिंग से कम रखरखाव, कम बिजली और राजस्व में वृद्धि होगा। पन्द्रहवां न्यूनतम विदेशी अधिकतम स्वदेशी का पालन करना चाहिए, विशेष रूप से ऊर्जा, ईंधन और रक्षा में पहले। सोलहवां क़स्बा आधारित विकास के केंद्र बने ना की शहर। स्मार्ट सिटी से पहले स्मार्ट टाउन बने । एक क़स्बा 100 गांवों से जुड़ने के कारण समावेशी और व्यापक विकास की कुंजी होता है । यह भारत को अत्यधिक शहरीकरण और बुनियादी ढांचे पर अपेक्षित भार से कमी में मदद कर प्रकृति-हितैषी होगा। अंतिम आयकर जो लगाना भी हो तो क्षेत्रवार आयकर हो। उत्तर पूर्व में रहने वाले और मुंबई में रहने वाले, समान वेतन वाले लोगों के हाथ में एक अलग अलग बचत हो सकती है, इसलिए कर की दर को जीवन निर्वाह सूचकांक की लागत से जोड़ा जाना चाहिए, तदनुसार आयकर दर में छूट प्रदान की जानी चाहिए।

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