क्रिप्टो वर्ल्ड की नई दस्तक NFT

जैसे जैसे दुनिया डिजिटल हो रही है, लोगों की मूल कृति रचना या क्रिएटिव का कॉपी पेस्ट या डुप्लीकेट कॉपी भी बनने लगा है जिससे यह पता नहीं चल पता है की अमुक के पास जो कृति रचना या क्रिएटिव है या जो हम उससे खरीद रहें हैं वह मूल कृति है या कॉपी पेस्ट या डुप्लीकेट वाला है. ऐसी तमाम समस्याओं को दूर करने के लिये आया है क्रिप्टो वर्ल्ड की नई सनसनी एनएफटी। वैसे भी जब पूरी दुनिया डिजिटल पर शिफ्ट हो रही है तो अब चीजों के स्वामित्व को डिजिटल होने से कौन रोक सकता है. डिजिटल वर्ल्ड की एक नई हकीकत है क्रिप्टो, और उस क्रिप्टो दुनिया की नई दस्तक है एनएफटी, जिसका आधार भी वही ब्लॉकचेन है जो क्रिप्टो करेंसी का है. हालांकि क्रिप्टो करेंसी और एनएफटी में अंतर है एक एनएफटी का दूसरे एनएफटी से अदला बदली नहीं हो सकता जबकि क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी अपनी श्रेणी में समान मूल्य पर ही स्थानापन्न हैं। जबकि NFT किसी वास्तविक वस्तु विशेष का यूनिक डिजिटल स्वामित्व होता है और इसका मूल्य उस वस्तु के मूल्य पर निर्भर करता है और जो यूनिक रहता है और अलग अलग हो सकता है । एनएफटी जिसे Non Fungible Token कहते हैं एक तरह की गैर-हस्तांतरणीय डिजिटल टोकन रूपी संपत्ति है जो वास्तविक वस्तुओं का कूट कोड में रूपांतरण कर उनके खरीद का प्रतिनिधित्व कर डिजिटल स्वामित्व विशेष प्रदान करता है ताकि डिजिटल प्लेटफार्म पर वह आसानी से खरीदी और बेची जा सके और साथ में अपने सही सूचनाओं के समयांकन समेत ब्लॉकचेन पर रिकॉर्ड होता रहे । यहां गैर-हस्तांतरणीय का ये मतलब नहीं की बेचा नहीं जा सकता, इसका यह मतलब है की चूंकि यह वस्तु विशेष का कूट कोड रूपांतरण के द्वारा डिजिटल मौद्रीकरण के लिये डिजिटल स्वामित्व रुपी एक संपत्ति है तो सामान्यतया विशेषीकृत मेटाडाटा लिए हुए एक एनएफटी यूनिक ही होगा और समान मूल्य के रूप में करेंसी की तरह हस्तांतरणीय नहीं होगा । यह वास्तविक वस्तु कोई भी चीज हो सकती है जैसे की कोई आर्टवर्क , म्यूजिक एल्बम या डिजिटल फाइल यहां तक कि आपका कोई डिजिटल कंटेंट जैसे की ट्वीट, पोस्ट भी हो सकता है जैसे ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने अपना ट्विटर के इतिहास का पहला ट्वीट $2.9 मिलियन में बेचा, एक बीपल आर्टवर्क नीलामी में एनएफटी के कारण $69 मिलियन से अधिक में बिका. एनएफटी द्वारा भौतिक संपत्ति का डिजिटल रूप में रूपांतरण बहुत सी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है और विपणन से बिचौलियों को हटाता है तथा इस डिजिटल डेटा के किसी भी यूनिक टुकड़े तक के स्वामित्व को दूसरे को देने या उसका दावा करने की क्षमता देता है। जब कोई मूल मालिक से एनएफटी खरीदता है, तो यह खरीदने वाले की संपत्ति बन जाती है क्योंकी एनएफटी एक तरह से खरीद को प्रमाणित करने का एक डिजिटल प्रमाण पत्र है, जिसे ब्लॉकचेन पर ट्रेस किया जा सकता है। हालाँकि एनएफटी धारक के पास मालिकाना हक के वो सामान्य अधिकार नहीं होते जब तक की वह अधिकार विशेष रूप से दिये ना जायें जिसमें एनएफटी के अंतर्निहित सामग्री या किसी भी संबद्ध बौद्धिक संपदा अधिकारों का स्वामित्व का मसला हो। जैसे की आपने यूनिक पेंटिंग एनएफटी टोकन के साथ खरीदी तो आप उस एक पेंटिंग के यूनिक मालिक हो सकते हैं लेकिन आपको उसकी प्रति बनाकर बेचने का अधिकार यह एनएफटी तब तक नहीं देती जब तक की इस अधिकार का अनुबंध विशेष ना हो. जब आप एक एनएफटी खरीदते हैं, तो आप इस टोकन के रूप में स्वामित्व की एक डिजिटल राइट खरीद रहे होते हैं, जिसे बाद में एक डिजिटल वॉलेट में स्थानांतरित किया जा सकता है। यह टोकन संपत्ति विशेष के डिजिटल पासपोर्ट की तरह डिजिटल स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करती है । ब्लॉकचेन आधारित होने क कारण एनएफटी में भी टोकन धारकों के बीच आसान पहचान और हस्तांतरण का पूरा ट्रेल चेन और स्वामित्व विवरण होता है। इसके मालिक एनएफटी में संपत्ति से संबंधित विशेषीकृत मेटाडेटा भी जोड़ सकते हैं जैसे की कोई कलाकार मेटाडेटा में अपनी डिजिटल कलाकृति पर स्वयं के हस्ताक्षर को शामिल कर सकता है । दरअसल एनएफटी क्रिप्टो वर्ल्ड म क्रिप्टोकरेंसी की अपेक्षाकृत एक सरल अवधारणा है। भौतिक संपत्तियों के डिजिटल स्वामित्व के प्रतिनिधित्व को सक्षम करके, एनएफटी डिजिटल सौदों की दुनिया के बुनियादी ढांचे के र्निर्माण में एक कदम आगे है और ब्लॉकचेन आधारित होने से यह अवधारणा अब मूल्यवान हो गई है । उदाहरण की बात करें तो जहां जहां पहचान पत्र दिखाना है जैसे की पासपोर्ट या जहां भी डिजिटल पहचान प्रबंधन लागू करना हो वहां एनएफटी का प्रयोग एक उत्कृष्ट उदाहरण है क्यों की यह प्रवेश और निकास की पूरी प्रक्रिया को डिजिटली सरल और सहज कर सकता है। अगर देखें तो एनएफटी संपत्ति के स्वामित्व में लोकतंत्रीकरण की संभावना को भी स्थान देता है। एनएफटी की कल्पना में रियल एस्टेट जैसी भौतिक संपत्तियों को टुकड़े में विभाजित कर विभाजित मालिकाना हक के रूप में निवेश का लोकतंत्रीकरण किया जा सकता है । एक भौतिक संपत्ति की तुलना में एक डिजिटल अचल संपत्ति को कई मालिकों के बीच विभाजित करना बहुत आसान है। इस एनएफटी के लोकतंत्रीकरण को अचल संपत्ति के अलावा आर्टवर्क जैसी अन्य संपत्तियों में भी आजमाया जा सकता है। इस प्रकार, एक पेंटिंग या इसके कोलाज के कई मालिक हो सकते हैं जो प्रत्येक पेंटिंग या कोलाज के एक अंश के लिए मालिक हो सकते हैं । इस तरह की व्यवस्था से इसकी कीमत और राजस्व में वृद्धि हो सकती है। दरअसल एनएफटी इस वर्चुअल वर्ल्ड में नए बाजारों और निवेश के नये आयाम की असीमित कल्पना है। अचल संपत्ति के उपरोक्त उदाहरण ही लें जिसमें इसे कई डिवीजनों में विभाजित किया जा सकता है । एक भाग समुद्र तट के बगल में जबकि दूसरा पार्क फेसिंग और तीसरा रोड फेसिंग , इस भूमि का प्रत्येक टुकड़ा एक दूसरे से यूनिक है और इसकी अलग-अलग कीमत को एनएफटी के साथ प्रतिनिधित्व कर अलग अलग मार्केट और दर दिया जा सकता है। रियल एस्टेट और ऐसे अनेक जटिल मामलों में विशेषता युक्त प्रासंगिक मेटाडेटा को शामिल कर यूनिक एनएफटी के इस्तेमाल से इसकी ट्रेडिंग को सरल बनाया जा सकता है। एनएफटी सामान्य रूप से अन्य उपलब्ध सम्पत्तियों के बीच यूनिक टोकन होने के कारण अपनी उपलब्धता को अपनी शर्तों पर नियंत्रित करता है और यही इसे मूल्यवान बनाता है आप प्रचुर उपलब्धता से मांग की श्रेणी में आ जाते हैं । एनएफटी की कल्पना कलाकारों के लिये बड़ी मुफीद है , यह उन्हे सशक्त बनाते हुए उनके रचना की रक्षा करता है और डिजिटल कला के लिए एक सेकेंडरी मार्केट बनाता है । जब कोई कलाकार एनएफटी बनाता है तो वह भविष्य के लिये लाइसेंसिंग, रॉयल्टी और लाभ साझा करने के अपने नियम भी निर्धारित कर सकता है । अभी एनएफटी में अमिताभ बच्चन को लेकर एक खबर आई जिसमें उन्होंने मधुशाला के डिजिटल स्वामित्व के लिये एनएफटी का इस्तेमाल किया इसकी नीलामी के लाइव होने के बाद ही उन्हें साढ़े पांच करोड़ इसी एनएफटी नीलामी से मिल गये । दरअसल इस माध्यम की खूबी यह है कि आप अपने पसंदीदा स्टार के हस्ताक्षर या यादगार वस्तुओं को आने वाले समय के लिए एक प्रशंसक की तरह रख सकते हैं। आज अमिताभ बच्चन, विशाल मल्होत्रा, सनी लियोन और अन्य और अन्य ने अपने स्वयं के एनएफटी लॉन्च किए हैं और अभी यह ख़ास लोगों के बीच है . भारत में जिस तरह से प्रतिभा है और हम बौद्धिक सम्पदा के स्वामित्वकरण में जिस तरह से पीछे हैं यदि इसका सही से प्रचार प्रसार कर दिया जाये तो बौद्धिक सम्पदा के माध्यम से हम दुनिया पर राज करने लगेंगे.

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