ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी

आजकल चारों ओर ‘क्रिप्टोकरेंसी’ ‘डिजिटल करेंसी’ और ब्लॉकचेन की चर्चा है। ज़्यादातर जगहों पर ‘क्रिप्टोकरेंसी’ और ‘डिजिटल करेंसी’, दोनों को लोग कई बार एक ही चीज समझ लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं है इसमें अंतर् है। जहां वर्तमान में डिजिटल करेंसी में कोई गवर्निंग बॉडी होती है, और इसे किसी राज्य की अथॉरिटी की मान्यता प्राप्त होती है और इसका एक अन्तर्निहित मूल्य होता है जिसकी गारंटी भी होती है वो क्रिप्टोकरेंसी में नहीं पाई जाती। जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कूट करेंसी या गोपनीय करेंसी क्यों की क्रिप्टो का अर्थ होता है कूट या गोपनीय। क्रिप्टोकरेंसी के मामले में एक और चीज़ है कि इसे जारी करने के बाद जारीकर्ता का भी उसमें कोई अधिकार नहीं रहता जबकि डिजिटल करेंसी में रहता है। क्रिप्टोकरेंसी में किसी तरह का कोई नियामक नहीं, न कोई जारीकर्ता , न कोई मुद्राबंदी करने वाला। ऐसा बोल सकते हैं की जहां डिजिटल करेंसी सरकारी है, वहीं क्रिप्टोकरेंसी सामाजिक करेंसी हां यह प्राइवेट करेंसी नहीं सामाजिक करेंसी, क्यों की इस करेंसी का कोई भी मालिक नहीं और ईसके सभी मालिक हैं। इसीलिए यह करेंसी राष्ट्रवाद की परिभाषाओं और सीमाओं से परे अपने आपको स्थापित करती है। अब सवाल उठता है कि जब क्रिप्टोकरेंसी का कोई मालिक नहीं, कोई नियामक नहीं है तो ऐसी स्वतंत्र मुद्रा पर कैसे भरोसा किया जा सकता है ? इसका तो कोई मालिक ही नहीं है कोई अता पता नहीं है ! क्रिप्टोकरेंसी की इसी कमी को दूर कर इसमें भरोसा जगाता है इसका ब्लॉकचेन तकनीक के आधार पर टिका होना जिसे आप मजबूत गोपनीयता वाला एक ऑनलाइन बही-खाता आप बोल सकते हैं। ब्लॉकचेन जिसका शाब्दिक अर्थ है भिन्न भिन्न ब्लॉक ( खंड/खानों ) की एक माला जिसे आप खंडमाला भी कह सकते हैं। मौजूदा सन्दर्भ में जिस ब्लॉकचेन की बात हम लोग कर रहें हैं वह है सूचनाओं की खंडमाला। यह एक विशिष्ट प्रकार का डेटाबेस है जो हमारे आपके समझ वाले सामान्य डेटाबेस से भिन्न होता है इसमें सूचनाएं ठीक उसी तरह पिरोयी जाती हैं जैसे हम मोतियों की माला पिरोते हैं , जैसे एक के बाद एक मोती से माला गूंथते जाते हैं और कोई अगली मोती बीच से माले में नहीं गुंथी जा सकती है उसे अंतिम वाली मोती के अगले मोती के रूप में पिरोया जाना है ठीक उसी तरह ब्लॉकचेन रूपी सूचनाओं की खंडमाला में सूचनायें एक के बाद एक के पीछे जुड़ती चली जाती हैं बॉक्स के रूप में जिसका कूट कोड में डिजिटल रूपांतरण हो जाता है इसमें बीच से कोई सूचना घुसकर नया कूट कोड माला नहीं बना सकता जैसे की किसी मोती की माला में बीच से मोती नहीं गुंथा जा सकता। क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क के पीछे यही "ब्लॉकचेन," आधारित रिकॉर्ड रखने वाली तकनीक है। जैसे ही नया सौदे का एक नया डेटा आता है, एक नए ब्लॉक में प्रवेश कर जाता है। एक बार वह ब्लॉक डेटा से भर जाता है तो यह पिछले वाले ब्लॉक से माला की मोती की तरह जुड़ जाता है एक के बाद एक और यह कालानुक्रमिक क्रम में एक साथ माला बना देता है। सौदों का पूरा संग्रह ब्लॉक के रूप में श्रृंखलाबद्ध तरीके से इसमें होता है और पीछे फुटप्रिंट और समय दोनों का अंकन होता रहता है,अभी किसके पास ‘वास्तव में’ इसकी चाभी है, पहले किसके पास थी, यह कहां से आई, कहां गई इसमें सबकुछ जुड़ता रहता है. और सूचनाओं का यह कालानुक्रमिक क्रम में व्यवस्थित ब्लॉक रूपी सूचना जिसमें एक एक कदम का फुट प्रिंट और समयांकन होता है सबके लिए सर्वसुलभ और विकेन्द्रित होती है कोई भी, कभी भी इसे कहीं से भी देख सकता है है.और यही सर्वसुलभता ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी दोनों को अत्यधिक पारदर्शी और नियामक एवं राष्ट्रवाद की सीमाओं से परे होने के बाद भी काफ़ी हद तक लोकतांत्रिक बनाती है । क्रिप्टोकरेंसी के मामले में, ब्लॉकचेन का उपयोग विकेंद्रीकृत तरीके से किया जाता है ताकि किसी एक व्यक्ति या समूह का नियंत्रण न हो बल्कि, सभी उपयोगकर्ता सामूहिक रूप से नियंत्रण बनाए रखें। विकेंद्रीकृत ब्लॉकचेन अपरिवर्तनीय हैं लेनदेन स्थायी रूप से दर्ज किए जाते हैं और कोई भी देख सकता है। इसे समझने के लिए हमें समझना पड़ेगा की यह एक डेटाबेस से कैसे भिन्न है? साधारणतया डाटाबेस विकेन्द्रीकृत और सर्वसुलभ नहीं होते हैं और एक डेटाबेस और एक ब्लॉकचेन में डेटा संरचित करने का तरीका अलग होता है । एक ब्लॉकचेन सूचनाओं की खंडमाला बनाता है और इस प्रकार इनका समूह बना समूहों में एक साथ जानकारी एकत्र करता है, जिसे ब्लॉक के रूप में भी जाना जाता है। इस ब्लॉक की कुछ भंडारण क्षमता होती है और, जब भर जाते हैं, तो पहले भरे हुए ब्लॉक पर जा के जुड़ जाती हैं । सभी नई जानकारी जो कि नए सिरे से जोड़े गए ब्लॉक के एक नवगठित ब्लॉक में संकलित की जाती है जिसे बाद में इस श्रृंखला में भी जोड़ा जाता है। जबकि एक डेटाबेस अपने डेटा को साधारणतया तालिकाओं में संरचित करता है या एक कंप्यूटर में ना कि चंक्स या (ब्लॉक) में इसीलिए बोल सकते हैं सभी ब्लॉकचेन डेटाबेस हैं लेकिन सभी डेटाबेस ब्लॉकचेन नहीं क्यों की डाटाबेस एक तालिका हो सकते हैं, एक ही जगह एक ही कंप्यूटर पर हो सकते हैं , जबकि ब्लॉकचेन स्पष्टतया परिभाषित है । ब्लॉकचेन डाटाबेस से कैसे भिन्न है को समझने के उद्देश्य से, इसे बिटकॉइन द्वारा कैसे लागू किया गया है, इस संदर्भ में इसे देखने की जरुरत है। डेटाबेस की तरह, बिटकॉइन को अपने ब्लॉकचेन को स्टोर करने के लिए कंप्यूटर पर संग्रह की आवश्यकता होती है लेकिन इस कंप्यूटर का कोई एक मालिक या संचालक नहीं है, किसी एक जगह या एक ही छत के नीचे यह कंप्यूटर नहीं है। इसमें डाटा हजारों कंप्यूटर में एक साथ विश्व के अनेक कोनों में सुरक्षित रहता है और प्रत्येक कंप्यूटर या कंप्यूटर का समूह एक अलग व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा संचालित होते हैं । कल्पना कीजिए कि एक कंपनी के पास एक सर्वर होता है जिसमें 10,000 कंप्यूटर शामिल होते हैं, जिसमें उसके सभी क्लाइंट के खाते की जानकारी होती है। इस कंपनी के पास एक छत के नीचे इन सभी कंप्यूटरों से युक्त एक गोदाम है और इनमें से प्रत्येक कंप्यूटर और उनके भीतर निहित सभी जानकारी पर कम्पनी का पूर्ण नियंत्रण है सोचिये यह सूचनाओं की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिहाज से कितना जोखिम भरा है । जबकि बिटकॉइन में हजारों कंप्यूटर होते हैं, लेकिन इसके ब्लॉकचेन को धारण करने वाले प्रत्येक कंप्यूटर या कंप्यूटर का समूह एक अपना एक अलग भौगोलिक स्थान होता है और ये सभी अलग-अलग व्यक्तियों या लोगों के समूह द्वारा संचालित होते हैं और इन पर किसी एक व्यक्ति या समूहों का नियंत्रण नहीं होता । बिटकॉइन के नेटवर्क वाले इन कंप्यूटरों को नोड्स कहा जाता है। एक ब्लॉकचेन में, प्रत्येक नोड के पास उस डेटा का पूरा रिकॉर्ड होता है जो अपनी स्थापना के बाद से ब्लॉकचेन पर संग्रहीत किया गया है। बिटकॉइन के लिए, डेटा सभी बिटकॉइन लेनदेन का संपूर्ण इतिहास है। यदि एक नोड के डेटा में कोई त्रुटि है तो वह हजारों नोड्स का उपयोग संदर्भ बिंदु के रूप में खुद को सही करने के लिए कर सकता है। इस तरह, नेटवर्क के भीतर कोई भी नोड उसके भीतर रखी जानकारी को बदल नहीं सकता है, क्यों की बाकी बचे हजारों नोड (कंप्यूटर) सौदों के समय इसकी पुनर्जांच स्वतः ही करते हैं जिससे त्रुटि या किसी ने सेंधमारी की है तो पता कर लेते हैं और मिलान कर उस त्रुटि को दूर किया जा सकता है । इसलिए यह अपरिवर्तनीय और सुरक्षित होता है, हजारों कंप्यूटर में सूचनाओं के सुरक्षित रहने से से एक या कुछ कंप्यूटर में की गई छेड़छाड़ इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती जब तक की संपूर्ण या आधे से अधिक कंप्यूटर से छेड़छाड़ नहीं की गई हो और यह लगभग बहुत ही खर्चीला और अव्यवहारिक होगा हैकर के लिए । इसीलिए इस प्रणाली को मान्यता मिल रही है और क्रिप्टोकरेंसी के इसी मॉडल के कारण ब्लॉकचेन सबसे सुरक्षित, सर्वसुलभ, सार्वजनिक एवं विकेंद्रीकृत कहलाता है।। फ़िलहाल ब्लॉकचेन का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी में ज्यादा हो रहा है लेकिन यह कानूनी अनुबंध, पहचान पत्र , या कंपनी की उत्पाद सूची जैसी विभिन्न जानकारी भी रख सकता है और क्रिप्टोकरेंसी के मौजूदा स्वरुप के अलावा इस ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल निजी, केंद्रीकृत ब्लॉकचेन, एकल स्वामित्व वाले भी हो सकते हैं, तकनीक वही रहेगी बस उपयोग निर्णय करते हैं की सार्वजनिक सर्वसुलभ पारदर्शी विकेन्द्रीकृत व्यवस्था चाहिए या निजी और केंद्रीकृत ।

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