IoT इंटरनेट की नई क्रांति

जैसे मुद्रा के आविष्कार ने दुनिया की इकोनोमिक अवस्थाएं बदल दी वैसे इन्टरनेट भी पूरी दुनिया की इकोनोमिक अवस्थाओं के साथ मानव व्यवहार को बदलने वाला है. अब इन्टरनेट शुरुवाती ईमेल से बहुत आगे निकलकर इंसानों और वस्तुवों के अंदर घुस गया है. पूरी दुनिया के लोग कब एक होंगे ये तो नहीं मालूम लेकिन अब दुनिया के कई उपकरण एक प्लेटफार्म पर आने वाले हैं, और उस प्लेटफार्म का नाम है "इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स" (IoT). इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आज के दौर में सबसे प्रभावशाली कारकों में से एक है जो भविष्य के व्यवसाय को आकार दे रहा है। यह उस नवाचार का प्रतिनिधित्व करता है जो एक नई डिजिटल अर्थव्यवस्था को जन्म दे रहा है, एक परस्पर जुड़ी हुई चीजों की अर्थव्यवस्था, जो व्यवसाय के अवसरों और निर्णयों को सेंसरट्रैकिंगमापन, मैपिंग के माध्यम से चलाएगी। भारत में भी यह धीरे धीरे पैर पसार रहा है. इसकी भरपूर संभावनाओं को सूंघकर ही रिलायंस ने अपने वार्षिक बैठक में इसको लेकर बड़ी घोषणा की, कि कंपनी IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) के लिए प्रतिबद्ध है और इसके नए प्लेटफॉर्म पर काम कर रही है।

रिलायंस की योजना के अनुसार जियो ने अपने 4नेटवर्क पर एक नई सेवा विकसित की हैजिसे नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स याNBIoT कहा जाता है।  रिलायंस ग्रुप ने इसे IoT कनेक्टिविटी के भविष्य को देखकर डिज़ाइन किया हैजो उपकरणों के बीच संचार के लिए एक बेहतर और गहन नेटवर्क कवरेज प्रदान करेगा और साथ ही साथ उपकरणों द्वारा होने वाले बिजली की खपत को कम करेगा। रिलायंस का अनुमान है कि आगामी दो वर्षों मेंदेश में 2 बिलियन से अधिक IOT डिवाइस कनेक्ट होने वाले हैंजिसमें से उसका लक्ष्य है कि वह अपने IoT प्लेटफॉर्म का उपयोग करके कम से कम एक बिलियन डिवाइस को इससे जोड़े। दुनिया में सिग्फोक्स और लौरा जैसी कम्पनियां भी बड़े पैमाने पर इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स पर काम कर रहीं है जो फ्री स्पेक्ट्रम और कम उर्जा खपत के माध्यम से करोड़ों डिवाइस को जोड़ रहीं है. दोनों कम्पनियों ने भारत में IoT के भविष्य को देखकर दस्तक देना चालू कर दिया है.

अब भारत ही नहीं दुनिया में "इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स" (IoT) , स्मार्टसिटी, स्मार्ट बिल्डिंग, स्मार्ट होम या स्मार्ट ऑफिस या हर जगह एक नई टेक्नोलॉजी के रूप में बहस का विषय बन रहा है। यह एक नई अवधारणा है जो हमारे रहने चलने और काम करने वाली सभी चीजों को प्रभावित करने वाली है। लेकिन क्या आपको मालूम है की यह "IoT" क्या है? और और आप इसके पास खींचे हुए कैसे जा रहें हैं? दरअसल अब हम उस दौर से बहुत आगे निकल आये हैं जब इन्टरनेट सिर्फ कंप्यूटर एवं मोबाइल का मोहताज था, अब वह हमारे रोजमर्रा के डिवाइस में घुस आया है और हमारे रोजमर्रा की चीजों को भी अपने में समेट लिया है. अब इन्टरनेट के लिए लैपटॉप या मोबाइल नहीं चाहिए आपके रोजमर्रा की चीज भी उसके इस्तेमाल की हो सकती है, IoT तकनीक उसे इन्टरनेट इनेबल बनाती है.

आज ब्रॉडबैंड इंटरनेट अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध हो गया हैकनेक्ट करने की लागत दिन प्रतिदिन कम हो रही हैअधिक से अधिक उपकरणों को वाई-फाई क्षमताओं और उनमें निर्मित सेंसर के साथ बनाया जा रहा हैप्रौद्योगिकी लागत कम हो रही हैऔर स्मार्टफोन की पहुंच आसमान छू रही है। ये सभी चीजें IoT के लिए जमीन तैयार कर रहीं हैं। सीधे शब्दों में कहेंइन्टरनेट of थिंग्स मूल रूप से किसी भी डिवाइस को इंटरनेट पर और/या एक-दूसरे को स्विच के साथ जोड़ने की अवधारणा है। इसमें सेलफोनकॉफी निर्मातावॉशिंग मशीनहेडफ़ोनलैंप, AC, आपकी गाडी और लगभग कुछ भी जो हो सकता है जो आप सोच सकते हैं, इसमें सब कुछ शामिल है। कई विश्लेषणों के अनुसार 2020 तक इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स  के तहत 26 बिलियन से अधिक कनेक्टेड डिवाइस होंगे. आगे IoT सिर्फ चीजों का ही नहीं लोगों को भी शामिल कर इसका एक विशाल नेटवर्क बनाएगा।

अब सिर्फ स्मार्ट आप नहीं होंगे, सिर्फ स्मार्ट सिटी नहीं होगी अब स्मार्ट बिल्डिंग, स्मार्ट होम, स्मार्ट ऑफिस, स्मार्ट कृषि, स्मार्ट फैक्ट्री,स्मार्ट स्ट्रीट, स्मार्ट लाइटिंग, स्मार्ट कार और स्मार्ट आपकी जीवन शैली होगी. यह आपका जीवन और आपके बिजनेस करने के तौर तरीके को भी बदलने वाला है आगे के सालों में.  

उदाहरण के  लिए आप एक मीटिंग के लिए निकल रहें हैं ऐसे में आपकी कार ही आपके कैलेंडर के हिसाब से आपको जहाँ जाना है ले जाएगी  और यह स्मार्ट कार आपके मीटिंग के लिए कई सारी तैयारियां पहले ही कर चुकी होगी जैसे मीटिंग के टाइम के हिसाब से कौन सा रास्ता सही होगा, कितने बजे निकलना होगा, रस्ते में आपको क्या ब्रीफ देना होगा. आपका अलार्म, आपका ऑफिस,आपका लैपटॉप, आपका कार सब एक दुसरे से जुड़े होंगे और एक दुसरे से समायोजित कर कार्य करेंगे । आपका स्मार्ट कार यदि ट्रैफ़िक ज्यादे मिलता है तो वह सामने वाली पार्टी को यह सूचित करने के लिए एक मेसेज भी भेज सकता है कि आपको आने में देर हो जाएगी क्यों की रस्ते में ट्रैफिक है।भविष्य में IoT द्वारा संभव है कि आपकी अलार्म घड़ी आपको सुबह बजे उठाये और आपके कॉफ़ी मशीन से आपके लिए कॉफ़ी भी बनाये भविष्य में ऑफिस भी IoT कांसेप्ट होने वाला है जो ऑटो सेंसर के अलावा ऑफिस में किन चीजों की कमी होने वाला है फायर अलार्म से लेकर हर चीज की रिपोर्ट आपको देगी की चीजों की क्या स्थिति है, सिर्फ AC या लाइट ओन ऑफ के अलावा प्रिंटर के इंक से लेकर इन्वेंटरी और कार्य से पैदा हो सकने वाले तनाव का भी नोटिफिकेशन आपको मिलेगा. 

बड़े पैमाने पर, IoT को ट्रांसपोर्ट नेटवर्क पर भी लागू किया जा सकता है, इसके साथ ही यह "स्मार्ट सिटी" स्मार्ट कचरा प्रबंधन,स्मार्ट ऊर्जा उपयोग जैसी चीजों के लिए दक्षता में सुधार करने में हमारी मदद कर सकती हैयह हमें समझने और सुधारने में मदद करता है कि हम कैसे काम करते हैं और जीते हैं।

वास्तविकता यह है कि IoT वस्तुतः एक अनंत कनेक्शन और संभावनाओं वाला क्षेत्र हैजिसे हम आज पूरी तरह से समझ भी नहीं सकते हैं। भविष्य में यह निश्चित रूप से बहुत सारे अवसरों के साथ कई चुनौतियों के लिए भी द्वार खोलता है, जिसमें स्वास्थ्य सुरक्षा और मानव के लिए काम होना एक बड़ा मुद्दा है। अरबों उपकरणों के एक साथ जुड़े होने के कारणयह भी एक चुनौती है की जानकारी कैसे सुरक्षित रहेसाथ ही यदि सारी चीजें जुडी हुई हो तो क्या आपके सारे एक्शन यहाँ तक की जो कार का उदाहरण ऊपर बताया गया है वह भी हैकर द्वारा प्रभावित हो सकता है क्या? क्या आपकी कॉफ़ी मशीन भी प्रभावित हो सकती है? प्राइवेसी और डेटा IoT में आज एक बड़ा मुद्दा है, इसलिए कोई केवल कल्पना ही कर सकता है कि जब हम अरबों उपकरणों के साथ पुरे दुनिया में एक दुसरे से जुड़े होंगे तो बातचीत और सरोकार कैसे बढ़ेंगे। एक और चीज जो विशेष रूप से सामना करना पड़ सकता हैवह है डेटा का भरमार होना जिससे डाटा मैनेजमेंट एक नया फिल्ड होगा जिसमें डाटा स्टोर करनाट्रैक करनाविश्लेषण करना और उत्पन्न होने वाली बड़ी मात्रा में डेटा शामिल हो सकता है.

 

IoT के बारे में बातचीत बीते कई सालों से दुनिया भर में हो रही है विशेषज्ञ यह समझना चाहते हैं कि इससे पृथ्वी और मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। वो यह भी समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं यह एक तरीके से अब तक व्यवस्थित व्यवस्थाओं, सुचना तंत्रों और राष्ट्रीय सीमाओं और नीतियों को डिस्टर्ब तो नहीं कर देगा। अभी के लिए जो जो सबसे अच्छी चीज हम कर सकते हैं वह यह है कि खुद को इसके बारे में अपडेट करना कि ये आईओटी क्या है, आगे का रास्ता समय बताएगा.

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