निवेश का उभरता केंद्र यूपी

बीते कई दशकों से उत्तर प्रदेश राजनैतिक दुष्चक्र में फंसा हुआ था और युवाओं के पास पलायन या सरकारी नौकरी के अलावा कोई विकल्प नहीं था, कई दशक पहले प्रदेश से सिर्फ मजदूरों का पलायन होता था लेकिन इधर कई दशकों से वहां से पढ़े लिखों युवाओं का निजी क्षेत्र में नौकरी हेतु पलायन शुरू हो गया था कारण योगी आदित्यनाथ के पूर्व के सरकारों में औद्योगिक निवेश मुख्य एजेंडों में नहीं होना था. यह सुनने में थोडा आश्चर्यजनक लगे लेकिन उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद ३० साल में कोई पहला पूर्णकालिक उद्योगमंत्री सतीश महाना के रूप में मिला है जो की यूपी के इकलौते औद्योगिक शहर कानपूर से हैं , इसके पहले ३० सालों तक कोई उद्योगमंत्री नहीं था जिसका खामियाजा पुरे प्रदेश ने भोगा. जब तक कोई पूर्णकालिक उद्योगमंत्री नहीं होगा उद्योग धंधे को सम्पूर्ण दृष्टि कैसे मिल पायेगी?, औद्योगीकरण के नाम पर अधिग्रहित की गई जमीनें पे उद्योगपतियों की दृष्टि कम और प्रॉपर्टी डीलरों की दृष्टि ज्यादे गड़ी थी. इससे पहले के जो तीन दशक बीतें हैं उसमें ना तो उद्योगपतियों को बड़े पैमाने निमंत्रण का काम हुआ ना ही प्रवासियों को ही पुचकारा गया. इस बार प्रदेश सरकार ने दोनों मोर्चों मर काम किया, सरकारी मशीनरी एक तरफ तो उद्योगपतियों को जोड़ रही थी तो प्रवासियों को जोड़ने की जिम्मेदारी मुंबई और देश के कई हिस्सों में यूपी के प्रवासियों को जोड़ने वाली संस्था उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट फोरम को साथ में लिया. इस सरकार ने जो रोड शो करवाए वो पिछली सरकारों के निवेश सम्मलेन से भी बड़े और सफल रहे. लगभग हर रोड शो में सरकार एक औद्योगिक सम्मलेन और दूसरा प्रवासियों की संस्था यूपीडीऍफ़ के साथ प्रवासियों का सम्मलेन करती थी.


काफ़ी सालों से मैं मुंबई में था और वहां यूपी के प्रवासियों से लगातार संपर्क में था. आज मुम्बई यूपी से हवाई मार्ग से बेहतर कनेक्ट हो गया है कई ट्रेनें हो गई हैं जबकि पहले मुंबई मतलब दूसरा देश जैसा अनुभव, और इसी कारण से आज भी मुंबई के पुराने प्रवासी यूपी को अपने गाँव को “मुलुक” शब्द से संबोधित करते हैं और उन लोगों में यूपी को लेकर एक तीव्र भावनात्मक लगाव है. सबके अन्दर एक भाव है की अपने प्रदेश के लिए कुछ करना है और इस भाव को पूर्व की सरकारें पकड़ नहीं पाई जिसे इस सरकार ने पकड़ा. ऐसा पहली बार हुआ है की किसी सीएम ने यूपी की विकास की संभावनावों के सूत्र को पहली बार पकड़ा है, बीमारी की नब्ज की पहचान कर ली है  इसका लैंड लॉक होना जो इसकी सबसे बड़ी कमजोरी थी और उसे तोड़ते हुए जेवर पे एअरपोर्ट से लेकर लोजिस्टिक पार्क, एक्सप्रेस वे और पुरे प्रदेश में सडकों के साथ एअरपोर्ट एवं लोजिस्टिक पार्क एवं कार्गो हब का जाल बिछाने जा रही है सभी नीतियों की समीक्षा कर नई समयानुकूल नीतियाँ लाई गईं हैं, निवेश प्रोत्साहन के लिए ब्याज, GST, स्टाम्प ड्यूटी छूट के साथ कई अन्य छूट दी गईं हैं जो उसके पूंजीगत निवेश के १०० प्रतिशत से लेकर ३०० प्रतिशत रिटर्न के बराबर है.


पूर्व में यूपी की आबादी का पलायन सिर्फ इसलिए हुआ की पहले की सरकारों की दृष्टि बाधित थी और फोकस कहीं और था जबकि इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विज़न एकदम स्पष्ट है. औद्योगिक नीति के निर्माण के वक़्त इसमें रोजगार शब्द जोड़कर इसे “औद्योगिक निवेश एवं रोजगार नीति” का नामकरण करना ही अपने आप में स्पष्ट था कि रोजगार को राज्य ने औद्योगिक नीति के नीतिगत शब्दकोष में शामिल कर लिया गया है जहाँ पहले की सरकारें चूकती थीं. यह सुनिश्चित किया गया कि प्रोजेक्ट की श्रेणी का श्रेणीकरण करते वक़्त सिर्फ निवेश राशि को ही मानदंड न रक्खा जाय बल्कि कोई निवेशक यदि पूंजी राशि में कम निवेश करता है लेकिन रोजगार सृजन ज्यादे करता है उसे भी मेगा प्रोजेक्ट की श्रेणी में रक्खा जाय और उसे भी वही इंसेंटिव देने की व्यवस्था की जाय जो उस बड़े पूंजी निवेश वाले को मिलेंगे. कुल मिला के उनकी दृष्टि स्पष्ट है की ज्यादे हाथों में काम और जनता का सुख ही राज्य शासन का लक्ष्य है बनिस्पत निवेश की बड़ी बड़ी घोषणा के.


रोड शो में यूपीडीऍफ़ के महासचिव के तौर पर मै भी भाग लेता था और अक्सर हमसे यह यह सवाल पुछा जाता था की यूपी में  कानून व्यवस्था को लेकर पूर्व की एक रचित धारणा है और यह कहाँ तक बदला है, मैंने उन्हें समझाया और यह सत्य भी कि यूपी में कोई भी औद्योगिक अपराध नहीं है चाहे वो संगठित रूप का हो या असंगठित रूप का हो. आज प्रदेश में कोई व्यक्ति या संगठन किसी भी रूप में चाहे वो हफ्ता का रूप हो या चंदे का रूप हो यूपी के किसी उद्यमी से वसूली नहीं कर सकता है जबकि देश में कई प्रदेशों में तो कई जगह संगठित और असंगठित रूप से उद्यमीयों से वसूली कर ली जाती है और रही बात शहरी सामजिक अपराध की तो वह एक सामाजिक और वास्तविक सच्चाई है और इसे लेकर प्रदेश सरकार जिस तरह से काम कर रही है वह काफी संतोषजनक है.


यूपी इन्वेस्टर समिट २०१८ काफी सफल रहा जिसमें ४.68 लाख करोड़ के MOU हस्ताक्षरित हुए जिसमे निवेशकों ने अपने निवेश को चरणबद्ध ढंग से १ वर्ष से लेकर ५ वर्षों के बीच करने का योजना दिया हुआ था, सरकार ने उन सभी उद्यमियों को जिसने MOU साईन किया हुआ था एक डेडिकेटेड टीम लगाई फॉलो अप करने की जिसके कारण ग्राउंड ब्रैकिंग सेरेमनी प्रथम हुआ जिसमें ६०००० करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरे और आगामी २८ जुलाई को ग्राउंड ब्रैकिंग सेरेमनी द्वितीय होने जा रहा है जिसमें ६५००० करोड़ के और MOU जमीन पर उतरने वाले हैं.  यह जो भरोसा देश और विदेश के उद्यमियों ने यूपी विशेष में दिखाया है उसका पूरा श्रेय प्रदेश के कर्मठ मेहनती और समर्पित सीएम योगी आदित्यनाथ, उद्योगमंत्री सतीश महाना,औद्योगिक आयुक्त और वर्तमान में मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय और उद्योग से जुडी पूरी टीम को जाता है. सरकार के इसी समर्पण को देखकर मुंबई रोड शो के दौरान प्रसिद्द उद्योगपति रतन टाटा ने यहाँ तक कह दिया था कि योगी जी अब आप आ गए हैं अब सब ठीक हो जाएगा, आपसे हमारी मुलाकात बहुत देर से हुई इसे पहले हो जाना चाहिए था. ये भरोसा रतन टाटा ने ही नहीं दिखाया देश के बड़े बड़े औद्योगिक घराने चाहे वो बिरला का हो महिंद्रा का हो रिलायंस का हो या अडानी का हो या छोटे छोटे उद्यमी हों सब ने दिखाया. इस सम्बन्ध में एक बयान और महत्वपूर्ण था जिसे आनंद महिंद्रा ने कहा था कि यूपी को अब दुसरे राज्यों से नहीं दुसरे देशों से प्रतिद्वंदिता करनी है जो अपने आप में ये स्पष्ट करता है की यूपी में कितनी संभावनाएं हैं. इस समिट में ४.68 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट का MOU आना और करीब ४ लाख के आसपास केंद्रीय सरकार की तरफ से अन्य निवेश आना यह स्पष्ट करता है की यूपी निवेश का उभरता हुआ एक बड़ा केंद्र बन रहा है.  


ये जो यूपी इन्वेस्टर समिट में निवेश की सफलता है वह एक टीम वर्क की सफलता और मुख्यमंत्री की ईमानदारी और स्पष्टता पे भरोसा, लगभग सभी नीतियों का रिव्यु एवं नवीनीकरण, एक एक MOU का फॉलो अप, समिट के बाद भी निवेशकों से वन टू वन संवाद, सिंगल विंडो सिस्टम की स्थापना, प्रदेश के औद्योगिक एवं अवस्थापना विभाग के साथ साथ प्रत्येक जिलाधिकारी के स्तर पर यह स्पष्ट निर्देश कि उद्यमियों की सारी समस्यावों का निराकरण हो आदि ऐसे कदम हैं जिससे लगता है की यह प्रदेश फिर से पूरब के मेनचेस्टर वाला गौरव प्राप्त कर सकेगा.


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