एयर टैक्सी एक उभरता बाजार



एयर टैक्सी एक नया बाजार


अभी पिछले दिनों गोरखपुर से मुंबई की यात्रा के दौरान अनुभव हुआ की ऐसे बहुत से लोग जिन्हें पहले हवाई जहाज में उड़ने वाली श्रेणी में नहीं गिना जाता था अब वो हवाई जहाज वाली श्रेणी में आ गए हैं, उस गोरखपुर से मुंबई की फ्लाइट में चप्पल पहने यात्रा कर रहे यात्री मिल गए, जिस हवाई जहाज को कुछ दशक पहले एलिट क्लास के लिए माना जाता था वो अब आम हो चूका है. मध्य वर्ग का विस्तार हो चूका है और ट्रेन के AC का किराये से भी सस्ता कई बार हवाई किराया हो गया है.

इस बार हुए चुनाव प्रचार के दौरान भी देखा गया की बड़ी संख्या में नेताओं और अभिनेताओं ने एयर टैक्सी छोटे जहाजों और हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जो बदलते वक़्त की साथ वक्ती प्रासंगिकता को बयान करता है. अब लोग यात्राओं के विकल्प में हवाई माध्यम पर बड़ी तेजी से विचार करने लगे हैं.

उड्डयन क्षेत्र में मौजूदा बढ़ोत्तरी के बाद जो अगली बढ़ोतरी होगी वह होगी एयर टैक्सी की, क्यूँ की शहरी ट्रैफिक का दबाब और दो नजदीकी शहरों के लिए बड़े जहाज किफायती नहीं है, जबकि जल्द यात्रा के होने वाले लाभ की तुलना में यदि एयर टैक्सी की लागत कम है तो यात्री लगभग देने के लिए तैयार हैं. भारत के कई शहरों जैसे अहमदाबाद-सूरत , जयपुर-कोटा-इंदौर में एयर टैक्सी पर काम हो रहा है और कुछ कम्पनियां शेयर बेसिस पर काम कर रही है, अब वह दिन दूर नहीं जब यह भारतीय उड्डयन क्षेत्र में एक आम बात हो जाएगी.

आज एयर टैक्सी में पुरे दुनिया में नित नए प्रयोग हो रहें हैं. अब कई कम्पनियां शहरों के अंदर भी उड़ने वाली कारों को शुरू करने की योजना बन रही है और इसपर प्रयोग हो रहें हैं. ये कारें सड़कों पर बढ़ रहे ट्रैफिक से निजात तो दिलाएंगी ही व्यापार के चक्र को तेज कर देंगी। आज दुनिया में कई कंपनियां एयर टैक्सी लाने की तैयारी कर रहीं हैं। अभी एक खबर आई की जर्मनी की एयर टैक्सी स्टार्टअप कंपनीLilium ने 5-सीटर इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी का सफल ट्रायल किया है। यह इस कम्पनी का पहला ट्रायल था। इस टैक्सी में36 इलेक्ट्रिक जेट इंजन दिए गए हैं, जिस कारण यह हेलिकॉप्टर की तरह वर्टिकली टेक-ऑफ और लैंड करती है, इसे जहाज की तरह लम्बे रन वे की जरुरत नहीं है। इस इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी की हाई स्पीड 300 किलोमीटर प्रति घंटा है और एक बार फुल चार्ज के बाद यह 300 किलोमीटर तक उड़ सकती है. कम्पनी ने इस इलेक्ट्रिक जेट की डिजाइन काफी साधारण रखी है। इसमें टेल, गियरबॉक्स, प्रोपेलर्स और रडार नहीं हैं तथा इस एयर टैक्सी को पायलट के साथ या ड्रोन मोड में भी ऑपरेट किया जा सकता है। ड्रोन की तकनीक में नित नये सुधार होने के कारण इस क्षेत्र में अब बड़ी सम्भावना बन रही है. इस जर्मन कंपनी का दावा है कि वह 2025 तक दुनिया के कई देशों में फ्लाइंग टैक्सी की सुविधा शुरू कर देगी। इस कम्पनी के अलावा अलावा कुछ और कंपनियां भी फ्लाइंट टैक्सी सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में हैं, जिसमें उबर एक प्रमुख नाम है। एप बेस्ड टैक्सी सेवाएं देने वाली कंपनी उबर अब अपनी अत्याधुनिक एयर टैक्सी सेवा ‘उबर एलीवेट’ देश में शुरू करने पर विचार कर रही है। कंपनी ने अपने जारी बयान में बताया कि अमेरिका और अमेरिका के बाहर वह इस सेवा को शुरू करने के लिए भारत समेत कई देशों में संभावनाएं तलाश रही है। उबर ने अमेरिका में इस सेवा के लिए दो शहरों डलास और लॉस एंजिलिस को चुना है। उबर को उम्मीद है कि हवाई टैक्सी की परीक्षण उड़ान 2020 में हो जाएगी और वह 2023 तक व्यावसायिक परिचालन शुरू कर सकती है।उबर एविएशन प्रोग्राम्स के प्रमुख एरिक एलिसन ने अपने बयान में बताया, ‘‘अपने पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार जहां आप महज एक बटन दबाकर उड़ान बुला सकेंगे, के मद्देनजर हमने पांच ऐसे देशों को चुना है जहां उबर एयर परिवहन का स्वरूप बदल सकेगी और हमारी प्रौद्योगिकी नयी ऊंचाइयां पा सकेगी।’’ उबर के अनुसार मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरू जैसे भारतीय शहर विश्व के सबसे घने शहरों में से हैं और इन शहरों में कुछ किलोमीटर जाने में भी घंटों लग जाते हैं, इसलिए ये शहर एयर टैक्सी के लिए इसकी प्राथमिकताओं में रहेंगे. अगर उबर ने यह वेंचर शुरू कर दिया तो वह दिन दुरु नहीं जब कम्पटीशन में और नई कम्पनियां इस क्षेत्र में आ जाएँगी.

और भारतीय शहरों की बात करें तो बेंगलूरू में एयर टैक्सी लिफ्ट शुरू हो चुकी है और इस सुविधा से ट्रैफिक की समस्या में थोड़ी राहत मिल रही है। बंगलूरू के कैंपगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आने जाने के लिए यह सेवा शुरू की गई है. प्रायः  शहर से दूर होने के कारण और जाम की स्थिति में इस रास्ते पर सफर के लिए दो से ढाई घंटे का समय लगता है लेकिन अब नई सेवा हेली टैक्सी शुरू होने के कारण  आप यह सफर सिर्फ 15 मिनट में पूरा कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक बेंगलुरु इंटरनेशनल एअरपोर्ट लिमिटेड ने इसके लिए एक हेलिकॉप्टर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी से साझेदारी की है। इस हेली टैक्सी में एक बार में 6 लोग उड़ सकते हैं। बेंगलुरु इंटरनेशनल एअरपोर्ट से यह हवाई सेवा इलेक्ट्रॉनिक सिटी और एचएएल तक मिलेगी। जहां देश के कई बड़ी कंपनियों के दफ्तर हैं।  

हालाँकि अभी इस सर्विस के एवज में मोटा किराया भी चुकाना होगा। बस सर्विस की तरह आप यहां भी अपनी सीट बुक करा सकते हैं। ऐसी टैक्सी में सीट बुकिंग को भी एप की तरह आसन बनाने पे काम हो रहा है. देश की कुछ कम्पनीयां अब तो एयर टैक्सी और हेलीकाप्टर की ऑनलाइन बुकिंग लेना शुरू कर रहीं हैं. अब वो दिन दूर नहीं, जब आपको अपने मोबाइल से ही एक क्लिक पर उड़ने वाली एयर टैक्सियां और हेलीकाप्टर मिलने लगेंगी। आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने इस प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू कर दिया है। इसके तहत वर्टिकल टेकऑफ एंड लैंडिंग पर काम हो रहा है ताकि एक ऐसी टैक्सी, जो जरूरत पड़ने पर सड़क पर चलने के अलावा हवा में भी उड़ान भर सके। इससे लोगों को एक जगह से दूसरी जगह तक जाम या आपातकाल में आसानी से पहुंचाया जा सके और लोग इसका इस्तेमाल लोग कार टैक्सी एवं एयर टैक्सी दोनों के रूप में कर सकें।

पूरी दुनिया में बड़ी तेजी से इस पर काम हो रहा है अब वह दिन दूर नहीं जब यह आम जनजीवन का हिस्सा बन जायेगा. और हम जितनी आसानी से आज ओला उबर या फ़ोन पर टैक्सी बुक कर रहें हैं वैसे ही हम एयर टैक्सी और हेलीकाप्टर बुक करें. इसके साथ ही देश और दुनिया में एक नई एयर क्रांति आएगी और इसके लिए एक बड़ा आधारभूत ढांचा खड़ा होगा और दुनिया के व्यापार का डायनामिक्स फिर से बड़ी तेजी से चेंज होगा.

Comments

Unknown said…
Great research Pankajji, it gives a relieving hope in the present several of traffic hazards.