बजट लोचा 1- बजट से पहले सवाल तो करने ही पड़ेंगे निचलौल और सिसवा जैसे छोटे कस्बों को

बजट लोचा 1- बजट से पहले सवाल तो करने ही पड़ेंगे निचलौल और सिसवा जैसे छोटे कस्बों को
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छोटे कस्बों निचलौल और सिसवा के अध्ययन के आधार पे मैं एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहा हूँ जो यह बताएगी की सरकारें हमसे क्या लेती हैं और क्या देती हैं। फ़िगर अनुमान के आधार पे ही हैं लेकिन विचलन 15% के आसपास ही हो सकता है अतः अध्ययन के लिए इतना विचलन काफी है। यह रिपोर्ट मैं इसलिए प्रस्तुत कर रहा हूँ क्यूँ की बजट पेश होने वाला है और हमेशा की तरह चहुंओर अर्थशास्त्री यही चर्चा कर रहे हैं सरकार को राजकोषीय घाटा बढ़ रहा है, सरकार का इतना घाटा है, सरकार की जेब का क्या होगा लेकिन कोई भी आम आदमी के जेब के घाटे की चर्चा नहीं कर रहा है । मैं ये जानना चाहता हूँ की आम आदमी का जेब , जेब नहीं है क्या और ये सवाल सारी जनता को करना पड़ेगा मेरे सिर्फ सवाल उठाने से काम नहीं होगा सारे लोगों को सवाल उठाना पड़ेगा। निचलौल और सिसवा कस्बे का उदाहरण इसलिए क्यूँ की इसका नजदीक से मैंने अध्ययन किया है। और इन दो कस्बों का थोड़े अंतर के साथ हर कस्बों पे लागू होगा अतः हर कस्बों को सरकार से यह सवाल पूछना ही चाहिए क्यूँ की यह सरकार का नहीं आम आदमी का बजट है।

क्या आपको मालूम है आप कोई भी समान खरीदें उसमे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तरीके से 30% हिस्सा राज्य एवं केंद्र सरकार के पास चला जाता है और उस प्रकार से प्रतिदिन निचलौल और सिसवा मे क्रमश: 1 करोड़ और 3 करोड़ की बिक्री होती है अतः सालाना निचलौल और सिसवा मे क्रमश: 365 करोड़ और 1095 करोड़ का व्यापार होता है और 30% के हिसाब से सरकारें क्रमश: 112 करोड़ और 331 करोड़ का राजस्व वसूलती है लेकिन क्या आपको पता है की साल मे निचलौल और सिसवा से 112 करोड़ और 331 करोड़ का राजस्व कमाने के बाद भी पूरे साल मे निचलौल और सिसवा मे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सिर्फ 21.67 करोड़ और 19.67 करोड़ ही खर्च करती है और बाकी का पैसा जो छोटे कस्बों की जनता देती है वो सरकार के खाते मे चली जाती है और यहाँ की जनता को ठेंगा दिखा दिया जाता है। सरकार को कुल फायदा निचलौल और सिसवा से क्रमश: 90 करोड़ और 310 करोड़ होता है ।

इसलिए सवाल तो करना ही पड़ेगा इस बजट से पहले और इस बजट के बाद की बजट का प्रस्तुतीकरण जिलावार, तहसीलवार, कस्बावार, ग्रामवार आखिर हम भी तो देखें सरकार कहाँ कहाँ से कितना लेती है और कहाँ कहाँ कितना खर्चा करती है। जवाब तो देना ही पड़ेगा । साल मे सिसवा द्वारा 310 करोड़ का शुद्ध लाभ सरकार को देने के बाद क्या यहाँ की जनता को ये सवाल पूछने का हक़ नहीं है क्या? सड़क कब दोगे, उच्च स्तरीय 24*7 अस्पताल कब दोगे, 24 घंटे बिजली कब दोगे, मेरा ये पैसा कहाँ खर्चा करते हो बताओ तो सही । हां तुम कह सकते हो की अन्य कस्बों और शहरों मे खर्चा करते हैं चलो ये भी मान लेते हैं लेकिन जब सिसवा से 94% कमाते हो तो 50% यहाँ खर्चा करो, बाकी सिसवा देती है अपना योगदान लखनऊ मे मेट्रो बनवाने मे, नोएडा मे सड़क बनवाने मे है बड़ा दिल है सिसवा और निचलौल के पास, क्या है सरकार बड़ा दिल तुम्हारे पास कि 400 करोड़ साल मे लेने के बाद भी क्या देते हो इन कस्बों को? हिसाब दो इस बजट मे हिसाब चाहिए।

Regards
Pankaj Gandhi Jaiswal
pankaj@ascoca.com
+919819680011

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